Orhan

Add To collaction

भगवान बुद्ध , कन्या अछूत नहीं

Buddha Stories App - https://play.google.com/store/apps/details?id=com.buddha.storieकन्या अछूत नहीं :- एक बार वैशाली नगर के बाहर जाते हुए गौतम बुद्ध ने देखा कि कुछ सैनिक तेजी से भागती हुई एक लड़की का पीछा कर रहे हैं। वह डरी हुई लड़की एक कुएं के पास जाकर खड़ी हो गई। वह हांफ रही थी और प्यासी भी थी। बुद्ध ने उस बालिका को अपने पास बुलाया और कहा कि वह उनके लिए कुएं से पानी निकाले, खुद भी पिए और उन्हें भी पिलाए। इतनी देर में सैनिक भी वहां पहुंच गए। बुद्ध ने उन सैनिकों को हाथ के संकेत से रुकने को कहा।

उनकी बात पर वह लड़की कुछ झेंपती हुई बोली महाराज मै एक अछूत कन्या हूं। मेरे कुएं से पानी निकालने पर जल दूषित हो जाएगा। बुद्ध ने उस से फिर कहा पुत्री, बहुत जोर की प्यास लगी है, पहले तुम पानी पिलाओ। इतने में वैशाली के राजा भी वहां आ पहुंचे। उन्होंने बुद्ध को प्रणाम किया और सोने के बर्तन में केवड़े और गुलाब का सुगंधित पानी पेश किया। बुद्ध ने उसे लेने से इंकार कर दिया। एक बार फिर बालिका से अपनी बात कही। इस बार बालिका ने साहस बटोरकर कुएं से पानी निकल कर खुद भी पिया और गौतम बुद्ध को भी पिलाया।

पानी पीने के बाद बुद्ध ने बालिका से भय का कारण पूछा। लड़की ने बताया मुझे संयोग से राजा के दरबार में गाने का अवसर मिला था। राजा ने मेरा गीत सुन मुझे अपने गले की माला पुरस्कार में दी, लेकिन उन्हें किसी ने बताया कि मै अछूत लड़की हूं। यह पता चलते ही उन्होंने अपने सिपाहियों को मुझे कैद खाने में डाल देने का आदेश दिया। मै किसी तरह उनसे बचकर यहां तक पहुंची थी। इस पर बुद्ध ने कहा, सुनो राजन! यह लड़की अछूत नहीं है, आप अछूत हैं। जिस बालिका के मधुर कंठ से निकले गीत का आपने आनंद उठाया, उसे पुरस्कार दिया, वह अछूत हो ही नहीं सकती। गौतम बुद्ध की ये बात सुनकर राजा लज्जित महसूस करने लगे।

   1
0 Comments